कार चालक गुस्से में कार से निकला और ऑटो वाले को ही भला बुरा कहने लगा जबकि गलती कार-चालक की खुद की थी|
ऑटोवाले ने कारवाले की बातों पर गुस्सा नहीं किया और उल्टा मुस्कराते हुए आगे बढ़ गया|
ऑटो में बैठे व्यक्ति को कारवाले की हरकत पर गुस्सा आ रहा था और उसने ऑटोवाले से पूछा – तुमने उस करवाले को बिना कुछ कहे ऐसे ही क्यों जाने दिया| उसने तुम्हे भला बुरा कहा जबकि गलती तो उसकी थी| हमारी किस्मत अच्छी है, नहीं तो उसकी वजह से हम अभी अस्पताल में होते|
ऑटो वाले ने कहा – साहब बहुत से लोग गार्बेज ट्रक (कूड़े का ट्रक) की तरह होते है| वे बहुत सारा कूड़ा अपने दिमाग में भरे हुए चलते है – हमेशा निराशा, क्रोध और चिंता से भरे हुए नकारात्मक रवैया अपनाते है| जब उनके दिमाग निराशारूपी कूड़ा बहुत अधिक हो जाता है तो वे अपना बोझ हल्का करने के लिए इसे दूसरों पर फेंकने का मौका ढूंढने लगते है|
इसलिए मैं ऐसे लोगों से दूरी बनाए रखता हूँ और उन्हें दूर से ही मुस्कराकर अलविदा कह देता हूँ क्योंकि अगर उन जैसे लोगों द्वारा गिराया हुआ कूड़ा अगर मैंने स्वीकार कर लिया तो मैं भी एक गार्बेज ट्रक बन जाऊँगा और अपने साथ साथ आसपास के लोगो पर भी निराशा रुपी कूड़ा गिराता रहूँगा|
Moral Of The Story :-
जिंदगी बहुत छोटी है जो हमसे अच्छा व्यवहार करते है उन्हें धन्यवाद कहो और जो हमसे अच्छा व्यवहार नहीं करते, उन्हें मुस्कुराकर माफ़ कर दो|
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